Friday, June 26, 2015

इतने सवाल

सवाल इतने सारे और
जवाब इतने कम क्यों होते हैं
ये आसमान क्यों इतना नीला है
ये चाँद क्यों इतना भड़कीला है
तारे क्यों सिर्फ़ टिमटिमाते हैं
भाग्य पहले से क्यों लिखें जाते हैं
परेशान रातें ज़्यादा काली होती हैं
भूखों के पेट क्यों फूले होते हैं
सपने क्या कच्ची मिट्टी के होते हैं
चोर क्या दिन में आराम से सोते हैं।
पेड़ों पर पैसे क्यों नहीं उगते
शाहों के दिल क्यों नहीं धड़कते
मंज़िलें दूर क्यों होती हैं
ख़ुश हो या उदास मांएं क्यों रोती हैं।
बचपन इतना सुंदर है तो
हम बड़े क्यों होते हैं ।
सवाल इतने सारे और
जवाब इतने कम क्यों होते हैं।
-अकुभा

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