Saturday, September 10, 2016

दीवारें

दीवारें और दरारें

जिन मुंढेरों को फांद लेते थे
बन गई हैं वहां पक्की दीवारें
ढूंढती हैं आज आंखे
कहीं तो होंगी कोई दरारें।
- अकुभा

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