आ अब चलें घर
सूरज अपनी किरणे लुटा कर
आकाश में कहीं सो गया
दिए की बाती को संवार कर
आँगन में रोशनी करें
जिन कोनों में सूरज के
जाने से अँधेरा होगया है
उन्हें फिर से उजाला करें