Tuesday, July 5, 2022

आईना

आईना उनको दिखाओ

जो गलतफहमी में हैं

हमेशा तो कोई जिया नहीं करता


पेड़ कितना भी बड़ा हो

रहता जमीन पर है

जड़ के बिना वो हरा नहीं रहता


माज़ी में क्या हुआ छोड़

मुस्तकबिल का ख्याल कर

पीछे देखते कोई आगे नहीं बढ़ता


अकड़ते क्यों हो कोतवाल 

सरकारी नौकर ही हो न 

वर्दी पहन कोई मालिक नहीं बनता


आज तुम कुर्सी पे बैठे हो

मुल्क का कुछ भला करो

यह मौका सबको मिला नहीं करता


- अकुभा


** माज़ी - इतिहास 

** मुस्तकबिल  - भविष्य 

** कोतवाल  - थानेदार 













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