Tuesday, July 5, 2022

ताकत

 एक शहंशाह को लगा 

उसकी ताकत का

सारी दुनिया को

अंदाज़ा नहीं है अभी 

कुछ तो करना होगा

जिससे धाक जमे

उसके फकत नाम से

लोग तो लोग

देश भी कांप उठें


उसने कहा युद्ध हो

उसके मंत्रियों ने कहा

हां, भीषण युद्ध हो

अभी के अभी युद्ध हो

सेनाओं ने आयुध 

भयंकर तोपें और सामान 

कर दीं रवाना सीमा पर

तोपों के गोलों ने 

किया अरमानों पर वार

ध्वस्त किये घोंसले

छीन लिए हंसने के अधिकार 

चाक किए धड़कते दिल 

विषाक्त किया हवा को

गाड़ दिया झण्डा 

नफरत की सदियों का


शहंशाह ने लगाया 

गरजता ठहाका

कांप उठे धरती पर 

तड़पते अधजले पक्षी

- अकुभा


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