1.
बड़ा अजीज है ये ज़ख्म भी, क्योंकि
ये तोहफा किसी दोस्त ही ने दिया है ।
2.
बड़ी मीठी है ये दर्द
सीने में, यकीनन,
रह रह कर आती है
किसी दोस्त की तरह।
3.
रूठा है कोई दोस्त,
वजह-ए-नज़ाकत-ए-दिल,
धडकता है जो सीने में मेरे
एक नाज़ुक सा दिल ही तो है ।
-अकुभा
बड़ा अजीज है ये ज़ख्म भी, क्योंकि
ये तोहफा किसी दोस्त ही ने दिया है ।
2.
बड़ी मीठी है ये दर्द
सीने में, यकीनन,
रह रह कर आती है
किसी दोस्त की तरह।
3.
रूठा है कोई दोस्त,
वजह-ए-नज़ाकत-ए-दिल,
धडकता है जो सीने में मेरे
एक नाज़ुक सा दिल ही तो है ।
-अकुभा
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