सच इतना अदृश्य है
पर कौन है चिंतित
जब तक कोई प्रश्न
पूछने की हिम्मत न करे
विकृत आईने
दिखाते हैं हास्यास्पद बिंब
बिंब जो छुपा देते हैं
दर्द और भूख
हंसी के ठहाकों में
डूब जाती हैं चीखें
अनाथ हुए बच्चों की
विधवा हुई औरतों की
और भीड़ द्वारा मारे गये
इन्सानों की
आकाश का रंग
है फीका नीला
इसको सजाते है
वायुसेना के जहाज
रंगीन धारियां बना कर
जिसे देखकर
लोग बेतहाशा तालियां
बजाते है
और मनाते हैं
स्वतंत्रता के पर्व
स्वतंत्रता भूख और बिमारी से
और धर्म के दुश्मनों से
- अकुभा
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