अप्रैल के मध्य में
जब मई उतर आएगी
बीच आँगन में
सुरमई शाम में
दोपहर ठहर जाएगी
जलते से फ़र्श पर
नंगे पावं
भागी आओगी
हर क़दम पर
कविता गुनगुनाओगी
कविता के हर छंद से
शीतल फुहार बरसाओगी।
⁃ अकुभा
जब मई उतर आएगी
बीच आँगन में
सुरमई शाम में
दोपहर ठहर जाएगी
जलते से फ़र्श पर
नंगे पावं
भागी आओगी
हर क़दम पर
कविता गुनगुनाओगी
कविता के हर छंद से
शीतल फुहार बरसाओगी।
⁃ अकुभा
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