Saturday, June 8, 2019

दिमाग के ताले


ऐसा कैसे कि कुछ लोग 
जैसे एक पिंजरे में बंद पंछी हों। 
देखने में उनका बदन स्वतंत्र दिखता है 
लेकिन दिमाग़ ताले में बंद हो। 
सर कटे मुर्ग़े की तरह उछलते हैं 
राष्ट्रवाद के नाम से
आजतक जैसे भारत 
केवल उन जैसे देशभक्तों के कारण ही
बचा हुआ है, 
वरना न जाने कब का लुट गया होता
हज़ारों वर्षों पुरानी संस्कृति 
बस अभी के अभी डूबने वाली है
और उसको बचाने के लिए
उनका अवतार हुआ है
उनके अलावा देश के १३० करोड़ लोग
दुर्भाग्यवश पाकिस्तान जाने से रह गए

देश के महानतम नेता
जैसे बापू और नेहरू
के नाम पर कीचड़ उछालते हुए
इन्हें कोई शर्म नहीं आती
चाहे इसके लिए 
ये कितने ही झूठ व प्रपंच फैलाएँ

इन्हें क्या लगता है
इनके इस झूठे अलाप से
हज़ारों साल पुरानी ये सभ्यता
असभ्यता में परिवर्तित हो जाएगी? 

⁃ अकुभा 

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